Judgement on Marriage Bureau | मैरिज ब्यूरो जीवनसाथी नहीं ढूंढ पाया तो ग्राहक का पैसा वापस Download Pdf Judgements :https://legalhelpdesk.co.in/marriage-bureau-failed-to-find-a-spouse-the-customer-would-have-to-pay-back-the-money/ some more videos of this channel Blog https://legalhelpinhindi.blogspot.com Keep Support Us:- https://www.motivationalgyan.co.in https://www.infohubb.co.in My new channel Follow me on Twitter :- https://twitter.com/legalhelpinhin1 #Marriageprofile #marriagebureau #pdf_judgement_download #supremecourtkafaisla #supremecourtjudgement #indianlawinhindi #hamarakanoon #kanoonigyan #IPC #Crpc #legalhelpdesk #legalhelpinhindi Important Keywords:-
If the marriage bureau failed to find a spouse, the customer would have to pay back the money.
दुल्हन की तलाश में मैरिज ब्यूरो आए एक व्यक्ति ने अनुचित व्यापार अभ्यास और सेवा में कमी के लिए मैरिज ब्यूरो पर मुकदमा किया, क्योंकि ब्यूरो उसके लिए एक आदर्श जीवनसाथी खोजने या किसी भी संभावित उम्मीदवार के साथ बैठक करवाने में विफल रहा।
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जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम के आदेश के अनुसार मैरिज ब्यूरो की सेवा में काफी कमी पाई और ब्यूरो को प्रीमियम वैवाहिक सेवाओं की फीस के रूप में शिकायतकर्ता द्वारा भुगतान किए गए 31,000 रुपये वापस करने और उसे 5,000 रुपये मानसिक पीड़ा के मुआवज़े के रूप में देने का निर्देश दिया गया।
शिकायतकर्ता ने फोरम से कहा कि उसने वर्ष 2016 में दक्षिण दिल्ली स्थित मैरिज ब्यूरो से संपर्क किया था। उन्होंने कहा कि प्रीमियम वैवाहिक सेवाओं के लिए 31,000 रुपये का भुगतान करने के बावजूद ब्यूरो न केवल एक परिपूर्ण रिश्ता खोजने में असमर्थ रहा, बल्कि किसी भी संभावित रिश्ते के लिए उसने एक भी बैठक नहीं करवाई।
आरोप था कि
ब्यूरो भी अनुकूलित सेवा प्रदान करने के अपने दावे के पीछे हट गया और शिकायतकर्ता के फोन कॉल का जवाब देना बंद कर दिया। ब्यूरो के खिलाफ एक तरफा फैसला दे दिया गया, जिसमें रेखा रानी और किरण कौशल की पीठ ने कहा,
"रिकॉर्ड पर मिले सहमति पत्र के अनुसार मैरिज ब्योरो प्रोफाइल साझा करने, अनुकूलित सेवा देने और लाउंज में रिश्ते के लिए भावी उम्मीदवार के साथ बैठक की व्यवस्था करने के लिए प्रतिबद्ध था। साथ ही वह शिकायतकर्ता को शॉर्टलिस्ट किए गए प्रोफाइल के लिए ज्योतिष मंगनी प्रदान करने वाला था।
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ब्यूरो शिकायतकर्ता से 31000 रुपए लेने के बावजूद सेवाएं को प्रदान करने में विफल रहा है। इसलिए, हमारी राय है कि ब्यूरो की सेवा में काफी कमी है। हम शिकायतकर्ता को उसके द्वारा भुगतान किए गए रु 3,1,000 रिफंड करने की अनुमति देते हैं। साथ ही पंजीकरण की तारीख से 6% प्रति वर्ष की दर से रुपए की वसूली की जाए। इसके अतिरिक्त, ब्यूरो को मानसिक पीड़ा, उत्पीड़न और मुकदमेबाजी की लागत के लिए रुपए 5000 का भुगतान करने के लिए निर्देशित किया जाता है।"
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