कुर्की क्या है कुर्की के आदेश कब और क्यों दिए जाते हैं || What is Attachment Law in India
स्पेशल हाइलाइट्स
- फरार अभियुक्त कौन है ।
- कुर्की क्या है ।
- कुर्की के आदेश क्यों दिए जाते हैं ।
- कुर्की के आदेश का निष्पादन किस तरह से किया जाता है ।
- किन किन वस्तुओं की कुर्की की जा सकती है ।
- किन वस्तुओं की कुर्की नहीं की जा सकती ।
फरार अभियुक्त किसे कहा जाता है
न्यायालय को यदि किसी कारणवश यह विश्वास है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ वारंट जारी किया गया है, वह खुद को छुपा रहा है । और इस कारण वारंट का निष्पादन उसके खिलाफ नहीं किया जा सकता । तो धारा 82 के तहत ऐसे व्यक्ति को फरार माना जाता है । फरार व्यक्ति के संबंध में न्यायालय लिखित घोषणा को व्यक्ति के नाम पर प्रकाशित करवा सकता है । प्रकाशित घोषणा में उस व्यक्ति से यह अपेक्षा होगी कि वह घोषणा में दिए गए स्थान व समय पर उपस्थित हो जाएं । (कुर्की ( Attachment) क्या है)उपस्थिति के समय के आधार पर कम से कम 30 दिन पहले घोषणा का प्रकाशन किया जाएगा घोषणा निम्नलिखित रूप से प्रकाशित की जाएगी ।
- घोषणा को उस स्थान पर जहां फरार व्यक्ति सामान्य तौर पर निवास करता है , और शहर या गांव में सहज सुलभ स्थान पर घोषणा को सार्वजनिक रूप से पढ़ा जा सके ।
- उस ग्रह या निवास स्थान पर जहां फरार व्यक्ति सामान्य तौर पर निवास करता है । उसके आसानी से नजर आने वाले भाग पर लगा दी जाएगी ।
- घोषणा की एक प्रति न्यायालय के स्थान पर लगाई जाएगी जहां वह आसानी से नजर आए व पढ़ी जाए ।
- न्यायालय आवश्यक समझे तो उस गांव या शहर के दैनिक समाचार पत्र में भी घोषणा प्रकाशित करवा सकती है । जहां पर वह व्यक्ति सामान्य तौर पर निवास करता है ।
- उद्घोषणा जारी करने वाला न्यायालय निश्चित करेगा की वैधानिक ढंग से उस घोषणा का प्रकाशन कर दिया गया है और इस क्रम में कानूनी अपेक्षाएं पूर्ण कर दी गई है ।
कुर्की के आदेश कब दिये जायेगे
धारा 83 के अधीन यदि न्यायालय उचित समझे तो फरार व्यक्ति की संपत्ति की कुर्की की जा सकती है । यदि फरार व्यक्ति के संबंध में उद्घोषणा निकाली गई है और यह निम्न कृत्य कर रहा है- अपनी संपत्ति या उसके किसी भाग को बेचने वाला है ।
- अपनी समस्त संपत्ति Read More
Very good info
ReplyDeleteThank you
DeleteMotivationalGyan
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