26 Mar 2018

Rules of Railway in hindi | रेलवे से जुड़े ऐसे नियम जिन्हें आप नहीं जानते होंगे

यात्रा जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. भारतीय रेलवे यात्री के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. भारत में सबसे शानदार और अविस्मरणीय रेल यात्रा को माना जाता है. इसके जरिये आसान तरीके और आनंद लेते हुए आप हर जगह आराम से पहुच सकते है; चाहे शहर, कस्बा, तटीय क्षेत्र, और प्रादेशिक क्षेत्र हों, इससे बेहतर और सस्ता कोई और विकल्प नहीं है. देश में परिवहन के सबसे महत्वपूर्ण और किफायती तरीकों में से एक होने के नाते, यह महत्वपूर्ण है कि आप रेलवे के कुछ ऐसे नियमों के बारें में जाने जिनसे आप अबतक अनजान थे.
रेलवे के कुछ ऐसे नियम जिनसे आप अबतक अनजान थे 
1. ये हम सब जानते हैं कि जब टीटीई रात में टिकट चेक करने के लिए आता है तो हमारी नींद ख़राब होती है परन्तु अब ऐसा नहीं हो सकेगा. रेलवे बोर्ड ने यह निर्णय लिया है अब आरक्षित टिकट को रात 10:00 बजे से लेकर सुबह के 6:00 बजे तक आमतौर पर चेक नहीं किया जाएगा. आरक्षित श्रेणी के रेल यात्रियों के टिकट को यात्रा की शुरुआत में ही चेक कर लिया जाना चाहिए. टिकट चेक करने के बाद यात्रियों से दुबारा बिना किसी कारण के टिकट नहीं मांगा जा सकता है. हालांकि बदले गए नियम में तमाम प्रावधान भी हैं जिसके तहत टीटीई देर रात भी टिकट चेक कर सकते हैं वे हैं :
- अगर यात्री ने रात को 10 बजे के बाद अपनी यात्रा शुरू की हो तो टीटीई टिकट चेक कर सकता है और अगर सुबह 6 बजे तक ही यात्रा हो तब भी टिकट चेक किया जा सकता है.
- अगर बोर्डिंग के बाद टीटीई ने टिकट चेक नहीं किया हो तब भी उस परिस्थिति में भी टिकट चेक कर सकता है.
2. सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था के अनुसार, अगर किसी आरक्षित यात्री का सामान रेलवे में सफर के दौरान चोरी हो जाता है तो वह रलवे से अपने सामान का मुआवजा ले सकता है. इसके लिए यात्री द्वारा रेल पुलिस को एफआईआर के साथ एक फार्म भी देना पड़ता है, जिसमें उल्लेख किया जाता है कि यदि छह माह में सामान नहीं मिला तो वह क्षतिपूर्ति के लिए उपभोक्ता फोरम भी जा सकता हैं. सामान की कीमत का आंकलन कर फोरम हर्जाने का आदेश रेलवे को देता है. इसमें महत्वपूर्ण नियम यह है कि एफआईआर दर्ज करते ही जीआरपी को यात्री से उपभोक्ता फोरम का फॉर्म भरवा लेना चाहिए. 
3. अगर यात्री के पास वेटिंग टिकट है तो ट्रेन के आरक्षित कोच में वह यात्रा नहीं कर पाएगा. अगर वह यात्रा करता है तो उसे कम से कम 250 रूपए जुर्माना देना पड़ेगा और फिर अगले स्टेशन से जनरल कोच में यात्रा करनी पड़ेगी. परन्तु अगर चार में से दो यात्रियों का टिकट कन्फर्म है तो टीटीई से अनुमति लेकर बाकि दो लोग उनकी सीट पर जा सकते है.  
4. भारतीय रेलवे में ई बेडरोल की सुविधा भी दी जा रही है जिससे आप ऑनलाइन बेडरोल बुक करा सकते है परन्तु यह सुविधा सिर्फ चार स्टशनों दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन, सीएसटी एवं मुंबई सेंट्रल स्टेशनों पर उपलब्ध है. आप इन स्टेशनों पर 140 रु. में दो बेडशीट और एक तकिया किराए पर ले सकते हैं, जबकि 240 रु. में बेडरोल खरीद सकते है.
5. रेल मंत्रालय ने आदेश जारी किया है कि ट्रेन में अगर कोई भी 18 साल से कम उम्र का बच्चा बिना टिकट के सफर करते हुए पकड़ा जाता है तो उससे टिकट चेकिंग स्टाफ जुर्माना नहीं लेगा, बल्कि सिर्फ किराया ही वसूल करेगा. इस नियम में यह भी बताया गया है कि अगर ऐसे बच्चे के खिलाफ करवाई करनी है तो पहले रिपोर्ट तैयार करनी होगी और उसके बाद ही करवाई की जा सकती है.
आइए अब कुछ नए नियमों पर नज़र डालते हैं
- अगर आप तत्काल टिकट कैंसिल करते है तो उसके किराए का 50% भुक्तान हो जायेगा, 1 जुलाई से और साथ ही तत्काल बुकिंग टाइम भी बदल जायेगा.
- तत्काल विंडो 1 जुलाई से एसी कोच के लिए सुबह 10 से 11 बजे तक और स्लीपर कोच के लिए 11 से 12 बजे तक खुलेगी. 
- राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में 1 जुलाई से केवल मोबाइल टिकट ही वैध होगा.
- अब रीजनल भाषाओं में भी टिकट मिलेगा, हिन्दी और अंग्रजी के अलावा.
- वेटिंग लिस्ट होने पर ट्रेनों में सुविधा का विकल्प होगा और तो और राजधानी, शताब्दी, दुरंतो और मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के तर्ज पर सुविधा ट्रेन चलाई जाएगी. सुविधा ट्रेनों में टिकट कैंसिल करने पर आधा टिकट का पैसा वापिस मिलेगा.
- 1 जुलाई से प्रीमियम ट्रेनों का आवागमन भी बंद हो जायेगा.
- अबसे ट्रेनों में वेकअप कॉल-डेस्टिनेशन अलर्ट सुविधा भी दी जायेगी.

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