आप सभी ने कभी न कभी ट्रेन का सफ़र किया होगा और सफ़र करते समय रेलवे स्टेशन भी गए होंगे. क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि रेलवे स्टेशन पर बोर्ड लगा होता है जिस पर रेलवे स्टेशन का नाम और समुद्र तल से ऊंचाई (Mean Sea Level, MSL) जैसे की 200 मीटर, 310 मीटर आदि लिखा होता है. क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में समुद्र तल से ऊंचाई के बारे में रेलवे स्टेशन बोर्ड पर क्यों लिखा होता है, इसका क्या मतलब होता है, क्या ये यात्रियों की जानकारी के लिए लिखा जाता है या फिर कोई और वजह है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.
सबसे पहले यह अध्ययन करते है कि समुद्र तल से ऊंचाई (Mean Sea Level) का क्या मतलब होता है
जैसा की हम जानते हैं कि पृथ्वी गोल है, जिसके कारण पृथ्वी की सतह पर थोड़ा-थोड़ा कर्व आता है. अत: दुनिया को पृथ्वी की सतह से नापने के लिए एक ऐसे पॉइंट की जरुरत थी जो हमेशा एक समान रहे और समुद्र से बेहतर ऐसा कुछ नहीं था. इसे ऐसे भी कह सकते है कि वैज्ञानिकों को दुनिया की एक समान ऊंचाई नापने के लिए एक ऐसे पॉइंट की जरुरत होती है, जो एक समान रहे. इसके लिए समुद्र सबसे अच्छा विकल्प है और MSL की मदद से ऊंचाई की गणना करना बेहद सहज है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि समुद्र तल या समुद्र का पानी एक समान रहता है. MSL का इस्तेमाल सिविल इंजीनियरिंग में ज्यादातर किया जाता है, किसी बिल्डिंग या जगह की ऊंचाई नापने के लिए.
सबसे पहले यह अध्ययन करते है कि समुद्र तल से ऊंचाई (Mean Sea Level) का क्या मतलब होता है
जैसा की हम जानते हैं कि पृथ्वी गोल है, जिसके कारण पृथ्वी की सतह पर थोड़ा-थोड़ा कर्व आता है. अत: दुनिया को पृथ्वी की सतह से नापने के लिए एक ऐसे पॉइंट की जरुरत थी जो हमेशा एक समान रहे और समुद्र से बेहतर ऐसा कुछ नहीं था. इसे ऐसे भी कह सकते है कि वैज्ञानिकों को दुनिया की एक समान ऊंचाई नापने के लिए एक ऐसे पॉइंट की जरुरत होती है, जो एक समान रहे. इसके लिए समुद्र सबसे अच्छा विकल्प है और MSL की मदद से ऊंचाई की गणना करना बेहद सहज है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि समुद्र तल या समुद्र का पानी एक समान रहता है. MSL का इस्तेमाल सिविल इंजीनियरिंग में ज्यादातर किया जाता है, किसी बिल्डिंग या जगह की ऊंचाई नापने के लिए.
‘समुद्र तल की ऊंचाई’ (Mean Sea Level, MSL) भारतीय रेलवे स्टेशन बोर्ड पर क्यों लिखा होता है
क्या ये यात्रियों को बताने के लिए होता है. ऐसा बिलकुल नहीं है. ये जानकारी रेलवे ट्रेन के गार्ड और ड्राईवर के लिए होती है. उदाहरण से समझते है: अगर ट्रेन 200 मीटर समुद्र तल की ऊंचाई (MSL) से 250 मीटर समुद्र तल (MSL) की ऊंचाई पर जा रही है. तो ड्राईवर आसानी से यह निर्णय ले सकता है कि इस 50 मीटर की अधिक चढ़ाई को चढ़ने के लिए उसे इंजन को कितने torque की जरुरत पड़ेगी यानी इंजन को कितनी पॉवर देनी पड़ेगी. इससे ड्राईवर अंदाज़ा लगा सकता है. इसी प्रकार से अगर ये ट्रेन नीचे की और जाएगी तो नीचे आते वक्त ड्राईवर को कितना फ्रिक्शन लगाना पड़ेगा, या ड्राईवर को कितनी स्पीड बनाए रखने की जरुरत पड़ेगी. ये सब जानने के लिए समुद्र तल की ऊंचाई (MSL) लिखा जाता है.
इसके अलावा इसकी मदद से ट्रेन के ऊपर लगे बिजली के तारों को एक सामान ऊंचाई देने में भी मदद मिलती है. ताकि बिजली के तार ट्रेन के तारों से हर समय टच होते रहें अर्थार्त बिजली के तारों से कनेक्शन बनाए रखने में मदद करता है.
तो आप समझ गए होंगे की भारतीय रेलवे स्टेशन बोर्ड पर ‘समुद्र तल की ऊंचाई’ या Mean Sea Level, MSL क्यों लिखा होता है और इसका क्या मतलब होता है.
http://createyoutube.com/fb/39gNkHudtRM
इसके अलावा इसकी मदद से ट्रेन के ऊपर लगे बिजली के तारों को एक सामान ऊंचाई देने में भी मदद मिलती है. ताकि बिजली के तार ट्रेन के तारों से हर समय टच होते रहें अर्थार्त बिजली के तारों से कनेक्शन बनाए रखने में मदद करता है.
तो आप समझ गए होंगे की भारतीय रेलवे स्टेशन बोर्ड पर ‘समुद्र तल की ऊंचाई’ या Mean Sea Level, MSL क्यों लिखा होता है और इसका क्या मतलब होता है.
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