30 Mar 2018

गाड़ियों पर IND क्यों लिखा जाता है? Why IND is Written on Indian Vehicle Number

ये हम सब जानते हैं कि गाड़ी खरीदने के बाद उसको रजिस्ट्रेशन कराना और नंबर प्लेट लगवाना अनिवार्य होता है जिस पर कुछ कोड और नंबर लिखा जाता है. भारत में प्रत्येक वाहन को मोटर वाहन अधिनियम 1989 के तहत पंजीकृत किया जाता है. क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि इन नंबर प्लेटों पर IND भी लिखा होता है. यह क्यों लिखा जाता है, इसका क्या अर्थ और महत्व है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.
गाड़ियों पर IND क्यों लिखा जाता है?
“IND” शब्द हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट्स की विशेषताओं की एक सूची का हिस्सा है, जो केंद्रीय मोटर वाहन नियम (Central Motor Vehicles Rules), 1989 में 2005 के संशोधन के भाग के रूप में पेश किया गया था. ये "IND" हाई सिक्योरिटी नंबर, RTO के रजिस्टर्ड नंबर प्लेट वेंडर के पास ही मिलता है और अगर कायदे से लिया गया "IND" नंबर प्लेट हो तो उसके ऊपर एक क्रोमियम प्लेटेड होलोग्राम भी लगा होता है. जिसे हटाया नहीं जा सकता है.
उच्च सुरक्षा नंबर प्लेट्स लाने के पीछे सिर्फ, सुरक्षा प्रदान करना मुख्य कारण है. इन नई प्लेटों को कुछ खास सुरक्षा सुविधाएं दी गई हैं जैसे टैम्पर-प्रूफ (tamper-proof) और स्नैप लॉक (snap lock) सिस्टम जिसे हटाया नहीं जा सकता है. सड़क के किनारे विक्रेताओं द्वारा स्नैप लॉक को डुप्लिकेट करना लगभग असंभव है. ये प्लेटें आतंकवादियों द्वारा चोरी या दुरुपयोग के खिलाफ गाड़ियों के मालिकों को सुरक्षा प्रदान करती हैं.
आइये पहले अध्ययन करते हैं कि उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट (HSRP) क्या  होता है?
उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट (HSRP), 2001 में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) द्वारा पेश किए गए वाहनों के लिए नंबर प्लेट है. यह 1mm की विशेष ग्रेड अल्युमीनियम से बना है और सफेद / पीला परावर्तक शीट्स के साथ लेमिनेट कर दिया गया है. इसके पात्रों पर उभरे हुए कुछ सुरक्षात्मक उत्कीर्ण लेख हैं जो कि काले पर्ण पर गर्म कर के मुद्रांकित या इंबॉस किए गए हैं.
उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट की विशेषताएं
- क्रोमियम आधारित चक्रीय होलोग्राम
- एक परीक्षण एजेंसी और निर्माता दोनों की अल्फा-संख्यात्मक पहचान वाले लेजर संख्याकरण है.
- एक रेट्रो-रिफ्लेक्टिव फिल्म जिसमें जांच पड़ताल के लिए उत्कीर्ण लेख "IND" 45 डिग्री के झुकाव पर लिखा होता है.
- बेहतर दृश्यता के लिए संख्याओं और अक्षरों को प्लेट पर उभरा हुआ बनाया गया है.
- “IND” शब्द होलोग्राम के नीचे पर्यवेक्षक की बाईं तरफ नीले रंग की एक हल्की छाया में मुद्रित किया गया है.
- 1 mm एल्यूमीनियम पट्टी से बना होता है.
- एक पंजीकरण चिह्न जो कि सामने, रियर और कारों की विंडशील्ड पर प्रदर्शित होता है.
- इसमें एक 7 अंकों वाला अद्वितीय लेजर कोड और एक आत्म विनाशकारी windshield स्टीकर भी होता है.
- इस प्लेट में स्नैप लॉक सिस्टम होता है जिसे हटाया नहीं जा सकता है और इसी कारण यह प्लेट अपनी जगह पर रहती है. अगर इसे कोई तोड़ने, हटाने या छेड़-छाड़ करने का प्रयास करता है तो इसे पुन: उपयोग करना संभव नहीं है. इस कारण प्रतिलिपिकरण या द्विगुणन (duplication) से बचा जा सकता है.
 
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उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट के फायदें
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के काफी फायदें हैं. इससे वारदातों और हादसों पर लगाम लगेगी क्योंकि इसमें क्रोमियम होलोग्राम वाले सात डिजिट का लेजर यूनीक कोड रजिस्ट्रेशन नंबर है. इसके जरिये किसी भी हादसे या आपराधिक वारदात होने की स्थिति में गाड़ी और इसके मालिक के बारे में तमाम जानकारियां प्राप्त हो जाएंगी. नंबर प्लेट पर IND, क्रोमियम प्लेटेड नंबर और इंबॉस होने के कारण नंबर प्लेट को रात के वक्त भी गाड़ियों पर कैमरे के जरिये नजर रखना संभव होगा. इन प्लेट्स पर छेड़छाड़ करना संभव नहीं होगा. लेजर डिटेक्टर कैमरा के लगाने के बाद किसी भी वाहन के बारे में कभी भी आसानी से पता लगाना संभव होगा और देश भर में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के लगाने के साथ ही इंजन, अलग नंबर सहित तमाम यूनीक जानकारियां भी नेशनल डाटाबेस में होंगी, जो पूरे देश के वाहनों का एक सेंट्रलाइज्ड रिकॉर्ड होगा.
तो अब आप जान गए होंगे की गाड़ियों की नंबर प्लेट पर “IND” शब्द क्यों लिखा जाता है और उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट्स की क्या विशेह्ताएं हैं और क्या-क्या फायदें हैं.

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